पप्पू नकल करके पास हुआ
पप्पू नकल करके पास हुआ
पप्पू पढ़ाई में बिल्कुल ध्यान नहीं देता था। हर बार परीक्षा में फेल हो जाता, और उसके दोस्त उसका मजाक उड़ाते थे। इस बार भी परीक्षा पास करने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन पप्पू ने एक और रास्ता ढूंढ लिया—नकल करने का!
परीक्षा के दिन पप्पू ने किताब के छोटे-छोटे पन्ने बना लिए और उन्हें अपने कपड़ों में छुपा लिया। जैसे ही परीक्षा शुरू हुई, उसने धीरे-धीरे उन पन्नों से उत्तर देखने शुरू कर दिए। कोई उसे पकड़ न सका, और इस बार वह अच्छे अंकों से पास हो गया।
रिजल्ट के दिन घर में खुशी का माहौल था। माता-पिता गर्व महसूस कर रहे थे, लेकिन पप्पू के मन में डर था। उसे लग रहा था कि उसने जो किया, वह सही नहीं था।
अगली परीक्षा में उसने फिर नकल करने की कोशिश की, लेकिन इस बार शिक्षक ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। पूरी कक्षा के सामने उसकी बेइज्जती हुई, और उसके माता-पिता को स्कूल बुलाया गया।
पप्पू को एहसास हुआ कि नकल करके पास होने की खुशी असली खुशी नहीं होती। उसने ठान लिया कि अब मेहनत से पढ़ेगा और अपनी काबिलियत के दम पर सफलता हासिल करेगा।
यह कहानी हमें सिखाती है कि नकल से सफलता तो मिल सकती है, लेकिन वह टिकाऊ नहीं होती। असली जीत मेहनत और ईमानदारी में ही है।
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